
बिहार में अब चुनावी मौसम शुरू हो चुकल बा, नेताजी लोग अब फिर से ‘लोकतंत्र के पराठा’ बेलत नजर आ रहल बा लोग। तेजस्वी यादव के बंगला शनिवार के सियासी धरमशाला बन गइल, जहाँ 6 घंटा तक नेतागण चाय-पकौड़ा संग सीट बंटवारा के ‘गंभीर’ मंथन करत रहलें।
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कांग्रेस के परंपरा प्रेम – “जहाँ हम जीते, उहे सीट दे दीं!”
कांग्रेस के मन में एगो अइसन भावना उपजल बा, जेहमें ऊ कह रहल बाड़ी कि “जहाँ हम पहले नंबर 2 रहल बानी, उहे हमार असली घर ह।”
2020 में जीते 19 सीट पर त दावा बा ही, बाकिर अबकी 39 अउरी सीट पर नजर बा – जहां बस हारल रही लेकिन ‘दिल से जीते’ रहल बाड़ी लोग।
वामदल बोले – “हमहूं बा, हमरा के मत भूल जाईं!”
माले समेत वामदलन के डिमांड – सीधा 40 सीट। बाकी CPI अउरी CPM के मुंह थोड़ा लटक गइल बा। कहे के त माले के जनाधार त बा, बाकिर एक सीट के पीछे कवन जंग चल रहल बा, ई देख के जनता त सोच रहल बा – ‘ई चुनाव ह कि कुश्ती?’
सहनी जी के सपना – “60 सीट दे दीं, सरकार हम बना लेब”
मुकेश सहनी जी के त सपनवा बहुत ऊँच बा। 60 सीट मांगले बाड़े, तेजस्वी जी बोलले – “देखी पाईं 15 सीट दिहे के मूड बा।”
पारस जी भी सम्मानजनक सीट के मांग कइले बाड़न, बाकिर ऊ कौन ‘सम्मान’ वाला सीट ह – ई अब तक कोड में बा।
RJD-कांग्रेस के गठबंधन योगा – “थोड़ा झुको, थोड़ा झुकाईं”
तेजस्वी अब आरजेडी के पिछली बार वाला 144 सीट से घटा के 130-135 पर लावS चाहत बाड़न। कांग्रेस के 70 से घटा के 55-60 तक बैठावल जाई। बदले में “आपन मनपसंद सीट ले लीं” के ऑफर बा।
राजनीति अब ‘मैचिंग सेट’ हो गइल बा – जहां सीट और नेता के color coordination देख के फैशन शो लागे।
कुल जमा बात ई बा…
INDIA गठबंधन के महागठबंधन अब ‘महाबिचार-विमर्श’ में बदल गइल बा।
जनता त पूछ रहल बिया – “ई नेताजी लोग के टिकट मिलल कि नाहीं, बाकिर हमके सड़क, रोजगार अउर बिजली कब मिली?”
बाकिर फिलहाल – सब फोकस में बस “काहे के सीट केकरा के मिलल?”
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